पपीते के लाभ जान कर कहीं आप रोज सिर्फ पपीता तो नहीं खा रहे? यह आपकी सेहत को नुकसान भी पहुँचा सकता है। रोज रोज ज्यादा पपीता पाचन संस्थान को नुकासान पहुँचाता है। भूख कम लगना, पेट ठीक ना रहने की शिकायत होने लगती है।
आहार में सभी फलों का समावेश होना जरूरी है।रोज अलग अलग तरह के फल खाने चाहिए। जिन दिन पेट भारी हो उस दिन पपीते का सेवन करें। नहीं तो कभी कभी सेवन करना चाहिए। जब तेज भूख हो तब पपीते का नहीं भरपेट भोजन करना चाहिए। कोई भी फल हो या आहार बदल बदल कर खाना चाहिए।
पपीता विटामिन मिनरल से भरपूर है।पर यह जानना जरूरी है कि इसका सही प्रयोग कैसे करें?
पपीता खाने का सही समय क्या है?
पपीते का सेवन किसी भी समय किया जा सकता है। अगर वजन घटाना है तो सुबह के समय इसका प्रयोग करना चाहिए। इसमें फाइबर की मात्रा अधिक होने से भूख जल्दी नहीं लगती। व एनर्जी बनी रहती है। अगर जिम जाते हैं या खिलाड़ी हैं तो जिम से और खेलने के एक घण्टे बाद पपीता खाना चाहिए। इससे ताकत मिलती है। व थकान दूर होती है। सुबह और दोपहर के भोजन के बीच इसका सेवन कर सकते हैं। शाम को स्नैक्स की जगह इसे खा सकते हैं। यह स्वास्थकारक है। शाम को छः बजे के बाद पपीता नहीं खाना चाहिए।
पपीता खाने का सही तरीका क्या है?
पपीता छिलका उतार कर काट कर प्रयोग करना चाहिए। इसे अन्य फलों के साथ सलाद बना कर प्रयोग किया जा सकता है। जूस स्मूदी बना कर भी प्रयोग किया जा सकता है। इसका हलवा बना कर भी खाया जाता है। कच्चे पपीते का अचार ,चटनी,सब्जी बनाकर उसका प्रयोग भोजन के साथ किया जा सकता है। कच्चा पपीता यूँ ही नहीं खाना चाहिए इससे पेट में ऐंठन हो सकती है। खाने के लिए पूरा पका पपीता खाना चाहिए।
दिन भर में कितना पपीता खाना चाहिए?
एक दिन में 200 से 250 ग्राम से अधिक पपीता नहीं खाना चाहिए। क्योंकि इसकी तासीर गर्म होती है इसलिए अधिक सेवन से नुक्सान हो सकता है।
पपीता खाने से क्या लाभ होता है?
पपीता में विटामिन ए,सी,ई पाया जाता है जो हमारे शरीर को हृदय को जहरीले पदार्थो से बचाता है। हृदय की रक्षा करता है। दिल की बीमारी कम होती है। मुँह में छाले अनेकों कारणों से हो जाते हैं जैसे,पेट खराब होना,दवाई की एलर्जी, विटामिन की कमी से छाले होते हैं वे पपीते से ठीक हो जाते हैं। इससे कब्ज दूर होती है। मोटापा में पपीते का सेवन करने से मोटापा दूर होता है।
कच्चे पपीते में फाइबर,पोटाशियम,कॉपर भरपूर मात्रा में होता है। इसके अलावा इसमें पैपिन एन्जाइम होते हैं जो शरीर में फैट को जलाता है। कमजोरी, विटामिन की कमी,त्वचा की झुरियाँ, पिम्पल,त्वचा के कालेपन में पपीता खाना और पीसकर चैहरे पर लगाना लाभदायक होता है। भूख ना लगना,पाचन क्रिया कमजोर होने में लाभदायक है। मासिक में दर्द और समय से ना आने में भी पपीता खाना लाभदायक है। कैंसर,आँखों के लिए भी लाभकारी होता है।पपीते के बीज और पत्ते भी उपयोगी होते हैं। डेंगू बुखार में प्लेटलेटस की संख्या कम हो जाती है। इसके आधा कप पत्तों के रस का सेवन करने से प्लेटलेटस बढ़ने लगते हैं।
किन्हें पपीता नहीं खाना चाहिए?
गर्भवती महिला को पपीता नहीं खाना चाहिए ,क्योंकि इसकी तासीर गर्म होती है। दस्त में इसका सेवन ना करें। जो खून पतला करने की दवा खा रहे हैं तो पपीते का सेवन ना करें। एक साल से छोटे बच्चे को पपीता नहीं खिलाना चाहिए। ज्यादा मात्रा में सेवन करने से इससे खुजली,सिरदर्द,चक्कर,पेट खराब हो सकता है अधिक सेवन से किडनी में पथरी शुरू हो सकती है। पपीता को दही,दूध,कस्टर्ड,के साथ सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि इसका स्वाद कुछ देर में कड़वा होने लगता है और यह हानीकारक भी है।