यदि Hormones संतुलित नहीं रहते, तो आपका Weight तेजी से बढ़ सकता है, वहीं कई लोगों में Weight तेजी से घटने लगता है। हालांकि आज इस Post में हम बात करेंगे मोटापे के लिए जिम्मेदार कुछ सामान्य Hormones के बारे में।
lifestyle की गतिविधियां जैसे कि शारीरिक स्थिरता, गलत खान-पान, तनाव आदि दिन प्रतिदिन लोगों को मोटापे का शिकार बना रही हैं। हालांकि, Weight Management में इन चीजों के अलावा आपका Hormone एक बहुत बड़ी भूमिका निभाता है। यदि Hormones संतुलित नहीं रहते, तो आपका वजन तेजी से बढ़ सकता है, वहीं कई लोगों में Weight तेजी से Reduce होने लगता है। तो चलिए जानते हैं आखिर वे कौन से हार्मोन हैं, जो वजन बढ़ने का कारण बनते हैं।
ये Hormones बन सकते हैं Weight Gain का कारण
1. मोटापा और लेप्टिन
Leptin Fat Cells के द्वारा Produced किया जाता है और हमारे Blood फ्लो में स्रावित होता है। Leptin किसी व्यक्ति की खाने की इच्छा को कम करने के लिए उसके मस्तिष्क के विशिष्ट केंद्रों पर कार्य करके भूख को Control रखने का काम करता है। साथ ही शरीर में Fat Storage के प्रतिबंधन को भी सुनिश्चित करता है। Leptin फैट द्वारा निर्मित होता है, इसलिए मोटापे से ग्रस्त लोगों में Leptin का स्तर अधिक होता है। परिणामस्वरूप, वे भोजन के दौरान और बाद में संतुष्टि महसूस नहीं कर पाते। ऐसे में वो लोग ओवर ईटिंग करता है जिसकी वजह से वेट का खतरा बना रहता है।
2. मोटापा और इंसुलिन
Insulin, पेनक्रियाज द्वारा निर्मित एक Hormone है जो कार्बोहाइड्रेट के नियमन और फैट मेटाबोलिज्म के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है। Insulin मांसपेशियों और Fat Tissue में ब्लड से ग्लूकोज (चीनी) को उत्तेजित करता है। ओबेसिटी से ग्रसित व्यक्ति में, कभी-कभी इंसुलिन सिंग्नल खो जाते हैं और टिश्यू ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित करने में सक्षम नहीं रह जाते हैं। इससे टाइप 2 Diabetes और Metabolic Syndrome का विकास हो सकता है।
3. मोटापा और ग्रोथ हार्मोन
हमारे Brain में Pituitary Gland ग्रोथ हार्मोन को produced करती है, जो व्यक्ति की ऊंचाई को प्रभावित करता है और हड्डी एवं मांसपेशियों के निर्माण में Help करता है। ग्रोथ हार्मोन मेटाबोलिज्म को प्रभावित करता है। रिसर्च में पाया गया है कि अधिक वजन वाले व्यक्ति में ग्रोथ हार्मोन का स्तर सामान्य वजन वाले लोगों की तुलना में कम होता है।
4. इन्फ्लेमेटरी फैक्टर और मोटापा
अत्यधिक फैट स्टोरेज के कारण फैट सेल्स के भीतर तनाव प्रतिक्रियाएं बढ़ जाती हैं, जिसके परिणामस्वरूप फैट सेल्स और फैट टिश्यू के भीतर प्रतिरक्षा कोशिकाओं से इन्फ्लेमेटरी कारक मुक्त हो जाते हैं। यह सभी Hormones एक दूसरे से अलग हैं और इन सभी को balanced रखने के लिए अलग-अलग गतिविधियों एवं खान-पान पर ध्यान देने की आवश्यकता होती है। Hormones के संतुलन को बनाए रखने के लिए खुद को Active रखना बेहद ज़रूरी है। इसके अलावा अपने Regular Diet में स्वस्थ व संतुलित भोजन लेना चाहिए, ऐसा करने से आपको बेवजह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता।