Tulsi Mala Ke Niyam: तुलसी माला का महत्व हिंदू धर्म में बहुत अधिक माना जाता है ज़्यादातर लोग इस माला को धारण करते है। तुलसी माला तुलसी के पौधे की लकड़ी से बनायी जाती है। तुलसी माला को जप और कंठी माला भी कहाँ जाता है।
तुलसी माला में 108 दाने होते हैं, इन दानों का महत्व अधिक माना जाता जेल वैसे तो कुछ लोग 54, 27, दानों की माला भी धारण करते है लेकिन इसको धारण करने के कुछ अलग महत्व है जो हर कोई इंसान नहीं पूर्ण कर सकता इसलिए हम आज आपको तुलसी माला पहनने के नियमों के बारे में बतायेगे।
Tulsi Mala Ke Niyam in Hindi
तुलसी माला पहनने के फ़ायदे
तुलसी माला पहनने के अनेक फ़ायदे है यदि आप तुलसी माला धारण करते है तो इस से आपका बुध और शुक्र ग्रह मजबूत रहता है। इसे गले में धारण करने पर मन नियंत्रण में रहता है। तुलसी माला पहनने पर जो भी आपको मानसिक परेशानिया होती है वह दूर रहती है। जो भी तुलसी माला धारण करती है उस व्यक्ति के अनादर सात्विक विचार आते है।
तुलसी माला पहनने के नियम क्या है
जब भी हम तुलसी की माला पहनते है तो हहमे एक बात का अवश्य ध्यान रखना चाहिए कि यह शुद्ध हो और गंगाजल से धुली हो और उसके बाद जब माला सुख जाये उसके बाद ही इस्कॉक धारण करे बीना सूखे इसको ख़ी भी धारण नहीं करना चाहिए ऐसे ही और महत्वपूर्ण नियम है जिनके बारे में हम आपको बयायेगे।
- यदि आप एक बार तुलसी माला धारण कर लेते है तो इसके बाद इसको उतरना बिल्कुल भी नहीं चाहिए क्योकि यह एक बार धारण करने के बाद नहीं निकाली जाती।
- जो भी तुलसी माला धारण करता है उसके भोजन में अवश्य बदलाव आता है जैसे कि उसको सात्विक भोजन करना होता है। मांस, मदिरा, लहसुन, सिरका, और प्याज़ से दूर रहना चाहिए।
- जब भी आप तुलसी माला धारण करते हो तो आपको रोज़ाना जाप अवश्य करना होता है जिस से आप पर भगवान विष्णु कि कृपा सदैव आप पर बनी रहती है।
- जब भी आप तुलसी माला धारण करते है तो आप उसके साथ कोई और माला धारण नहीं कर सकते है सिर्फ़ आपको तुलसी माला ही धारण करनी होगी आप तुलसी माला के साथ रुद्राक्ष कि माला नहीं डाल सकते हो।
- तुलसी माला एक सही समय से पहननी चाहिए इसको पहनने का एक ख़ास समय होता है जो कि प्रदोष काल होता है। प्रदोष काल रात्रि के पहले और दोपहर के बाद का समय होता है।
- कुछ लोग होते है जिनको आपने देखा होगा कि वह तुलसी माला को गले की बजाये हाथ में धारण करते है यदि आपको गले में तुलसी माला पहनना पसंद नहीं है तो आप इसको दाये हाथ में भी धारण कर सकते है।
- सबसे अधिक ध्यान रखने वाली बात है जब भी आप शौचालय जाते है तो आप इसको धारण नहीं कर सकते आपको यह उतार कर जाना होगा और नित्य क्रिया करने से पहले इसे निकाल कर रख देना चाहिए।
तुलसी माला के प्रकार
तुलसी माला दो प्रकार की होती है एक होती है श्यामा तुलसी और रामा तुलसी। श्यामा तुलसी के बीजों की माला पहनने से मानसिक शांति और मन में सकारात्मकता बनी रहती हैं। इस को धारण करने ए आध्यात्मिक के साथ- साथ पारिवारिक और भौतिक उन्नति भी होती है। और रामा तुलसी की माला आत्मविश्वास बढ़ाती है और सात्विक भावनाओं को जागृत करती है।