The First Phone in Hindi: दूरसंचार के साथ भारत की शुरुआत 19वीं सदी के अंत में हुई जब अंग्रेजों ने टेलीग्राफी सेवाएं शुरू कीं। हालाँकि, 20वीं सदी तक देश में पहला टेलीफोन कनेक्शन नहीं आया था, जो इसके तकनीकी विकास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ।
अलेक्जेंडर ग्राहम बेल का आविष्कार: The Invention of Phone by Alexander Graham
1876 में अलेक्जेंडर ग्राहम बेल द्वारा Telephone के आविष्कार ने आधुनिक संचार की नींव रखी। यह उल्लेखनीय उपकरण लंबी दूरी तक आवाज प्रसारित कर सकता है, जिससे लोगों के संचार करने के तरीके में क्रांतिकारी बदलाव आया है। पश्चिमी देशों में टेलीफोन ने तेजी से लोकप्रियता हासिल की और इसका प्रभाव विश्व स्तर पर महसूस किया गया।
भारत में टेलीफोनी का आगमन: India mein Telephone Kaise Aaya
1881 में, ब्रिटिश औपनिवेशिक प्रशासन द्वारा भारत में पहला टेलीफोन एक्सचेंज कोलकाता (तब कलकत्ता) में स्थापित किया गया था। यह देश में संचार को आधुनिक बनाने की दिशा में एक छोटा लेकिन महत्वपूर्ण कदम था। प्रारंभ में, टेलीफोन एक विलासिता थी जिसका आनंद कुछ चुनिंदा लोग ही लेते थे, जिनमें ब्रिटिश अधिकारी और धनी भारतीय भी शामिल थे।
पहली भारतीय फ़ोन लाइन: First indian Phone Line
भारत में पहली फोन लाइन रखने का सम्मान बम्बई (अब मुंबई) को मिला। 28 जुलाई 1882 को वह ऐतिहासिक घटना घटी जब देश में पहली बार फोन किया गया। यह Call बॉम्बे और पास के पुणे के बीच लगभग 150 मील की दूरी तय करते हुए की गई थी। इस अभूतपूर्व उपलब्धि ने भारतीय संचार में एक नए युग की शुरुआत की।
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टेलीफोनी पूरे भारत में फैल गया
पहली टेलीफोन लाइन की सफल स्थापना के बाद, पूरे भारत में टेलीफोनी का धीरे-धीरे विस्तार होने लगा। दिल्ली, चेन्नई (तत्कालीन मद्रास) और कोलकाता सहित प्रमुख शहरों में टेलीफोन एक्सचेंज स्थापित किए गए। हालाँकि, यह सेवा अपेक्षाकृत सीमित रही और इसका उपयोग मुख्य रूप से आधिकारिक और प्रशासनिक उद्देश्यों के लिए किया गया।
स्वतंत्रता के बाद का विकास
1947 में British शासन से स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद, भारत ने तेजी से तकनीकी प्रगति की यात्रा शुरू की। सरकार ने देश के विकास में दूरसंचार के महत्व को पहचाना और टेलीफोन नेटवर्क के विस्तार में निवेश करना शुरू किया। 1947 में डाक और तार विभाग की शुरूआत ने टेलीफोनी को आम जनता के लिए अधिक सुलभ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण बदलाव को चिह्नित किया।
दूरसंचार क्रांति India के दूरसंचार क्षेत्र में 20वीं सदी के अंत और 21वीं सदी की शुरुआत में नाटकीय परिवर्तन देखा गया। 1990 के दशक में दूरसंचार उद्योग को उदार बनाने के सरकार के फैसले से टेलीफोन की पहुंच में वृद्धि हुई। निजी कंपनियाँ बाज़ार में आईं और मोबाइल फ़ोन सस्ते और व्यापक रूप से उपलब्ध हो गए।