Sundar Kand Kaise Padhe: आज हम आपको बतायेगे सुन्दरकाण्ड के बारे में। सुन्दरकाण्ड रामचरितमानस का एक अध्याय है जिसको स्वामी तुलसीदास जी ने लिखा है। इसका पाठ हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। इस पाठ को करने से आपको मन की शांति और सुख का आभास होता है और आपके जीवन पर सकारात्मक पराभव पड़ता है। आज हम आपको बतायेग सुन्दरकाण्ड को पढ़ने का तरीक़ा और इसको किस समय पढ़ना चाहिए और किन अहम बातों का ध्यान रखना चाहिए।
सुन्दरकाण्ड पाठ करने का तरीक़ा
सुन्दरकाण्ड का पाठ आप अपनी इच्छाअनुसार 11, 21, 31 या फिर 41 दिनों तक अपनी श्रद्धाअनुसार कर सकते है। सुन्दरकाण्ड का पाठ करते समय आपका मन निर्मल होना चाहिए तथा मन के अंदर किसी भी प्रकार का छल कपट नहीं होना चाहिए। सुन्दरकाण्ड का पाठ करने से आपके जीवन से कष्ट दूर होते है और समस्याओं से छुटकारा मिलता है। सुन्दरकाण्ड का पाठ सुबह या फिर शाम को चार बजे के बाद करना शुभ माना जाता है। आप नहा धो कर साफ़ वस्त्र पहन कर सामने हनुमान जी की तस्वीर रख उनके लिए कुछ मीठा बना कर भोग लगा कर अपना पाठ शुरू कर सकते है।
सुन्दरकाण्ड पढ़ने के अहम नियम
सुन्दरकाण्ड का पाठ हनुमान जी को प्रशन्न करने के लिए किया जाता है तो सबसे अहम बात का आप ध्यान रखें कि आप सही और नियम अनुसार इसका पाठ करे और अपनी पूरी आस्था विश्वास बनाये रखे।
सुन्दरकाण्ड का पाठ करने में लगभग अपनों दो से तीन घंटे का समय लगता है। पाठ करते समय शांति और ध्यान लगाने की अधिक आवश्यकता है। अपने मन को सिथिर रखे।
सबसे महत्वपूर्ण है शुद्धता अपने आस पास और अपने शरीर की शुद्धता। यदि आप पाठ करते है आपके आस पास का वातावरण शुद्ध और साफ़ रहना चाहिए इस से ध्यान लगाने में सहायता मिलेगी।
सबसे महत्वपूर्ण होता है अनुशासन यदि आप समय का ध्यान रखते है तो यह बहुत महत्वपूर्ण है कि आप अनुशासन का पालन कर रहे है। सुन्दरकाण्ड का पाठ आप अगर मंगलवार या शनिवार को करते है तो यह अधिक फलदायी होता है।
पूजा करने से पहले आपको भोजन नहीं करना है। आपको सुबह सबसे पहले नहा-धो कर साफ़ कपड़े पहन कर पाठ पढ़ना है उसके बाद ही आप भोजन ग्रहण कर सकते है। सुन्दरकाण्ड का पाठ करते समय हनुमान जी की तस्वीर के सामने घी का दीपक अवश्य जलाये। और पानी और मीठा बना कर भोग लगाये।
पाठ करते समय आपका मन शांत होना चाहिए किसी के लिए भी किसी प्रकार की घृणा नहीं होनी चाहिए। तभी आपको उसका फल प्राप्त होता है।