Story of Lord Shiva and Goddess Mahakali in Hindi: भगवान शिव को देवों के देव महादेव कहा जाता। लेकिन आपने देखा होगा कि महादेव शिव जी, माँ काली के पैरों के नीचे आये हुए है। इसके पीछे भी एक कहानी है, चलिए बताते आपको इस पोस्ट के माध्यम से की वो कहानी क्या है।
एक बार की बात है दैत्य रक्तबिज ने कठोर तप के बल पर वर पाया था की अगर उसके खून की एक बूंद भी धरती पर गिरेगी तो उस से अनेक दैत्य पैदा हो जाएंगे। उसने अपनी शक्तियों का प्रयोग निर्दोष लोगों पर करना शुरू कर दिया। धीरे धीरे उसने अपना आतंक तीनों लोकों पर मचा दिया। देवताओं ने उसे युद्ध के लिए ललकारा। भयंकर युद्ध का आगाज हुआ। देवता अपनी पूरी शक्ति लगाकर रक्तबिज का नाश करने को तत्पर थे मगर जैसे ही उसके शरीर की एक भी बूंद खून धरती पर गिरती उस एक बूंद से अनेक रक्तबीज पैदा हो जाते।
तब सभी देवता मिल कर Mahakali की शरण में गए। Goddess Kali असल में सुन्दरी रूप भगवती Durga का काला और डरावना रूप हैं, जिनकी उत्पत्ति राक्षसों को मारने के लिए ही हुई थी। महाकाली ने देवताओं की रक्षा के लिए विकराल रूप धारण कर युद्ध भूमी में प्रवेश किया। Goddess Kali की प्रतिमा देखें तो देखा जा सकता है की वह विकराल मां हैं। जिसके हाथ में खप्पर है,लहू टपकता है तो गले में खोपड़ीयों की माला है मगर मां की आंखे और ह्रदय से अपने भक्तों के लिए प्रेम की गंगा बहती है।
Mahakali ने राक्षसों का वध करना आरंभ किया लेकिन Raktbeej के खून की एक भी बूंद धरती पर गिरती तो उस से अनेक दानवों का जन्म हो जाता जिससे युद्ध भूमी में दैत्यों की संख्या बढ़ने लगी। तब मां ने अपनी जिह्वा का विस्तर किया। दानवों का एक बूंद खून धरती पर गिरने की बजाय उनकी जिह्वा पर गिरने लगा। वह लाशों के ढेर लगाती गई और उनका खून पीने लगी। इस तरह Mahakali ने Raktbeej का वध किया लेकिन तब तक Mahakali का गुस्सा इतना विक्राल रूप से चुका था की उनको शांत करना जरुरी था मगर हर कोई उनके समीप जाने से भी डर रहा था।
सभी देवता Lord Shiva के पास गए और Mahakali को शांत करने के लिए प्रार्थना करने लगे। भगवान् शिव ने उन्हें बहुत प्रकार से शांत करने की कोशिश की, लेकिन जब सभी प्रयास विफल हो गए तो वह उनके मार्ग में लेट गए। जब उनके चरण Lord Shiva पर पड़े तो वह एकदम से ठिठक गई। उनका क्रोध शांत हो गया और इस तरह देवों के देव Mahadev को मां काली के पैरों के नीचे आना पड़ा।