Sharir Me Kamjori Ke Lakshan: कमज़ोरी से हम यह समझते हैं कि हमारे शरीर में थकावट का होना किसी भी कारण जल्दी थक जाना शरीर में आलस का आना यह सारी चीज़ें कमज़ोरी की तरफ़ इशारा करती है। यह हमें अपने शरीर में कमज़ोरी महसूस होती है तो हम अपने शरीर को ढंग से हिला भी नहीं पाते हैं, और हमारे शरीर के कुछ भागों में दर्द और ऐंठन का आभास होता है।
ज़रूरी नहीं है कि आपको पूरे शरीर में ही कमज़ोरी का एहसास हो आप को शरीर के कुछ भागों में भी इसका आभास देखने को मिल सकता है,जैसे कि पैरों में दर्द हाथों में दर्द घुटनों में दर्द जिस कारण आप अपने शरीर को ढंग से कार्य में नहीं लगा पाते हैं और आपको आलस महसूस होता है। आज हम आपको बताएंगे की कमज़ोरी के क्या लक्षण होते हैं, और कमज़ोरी कितने प्रकार की होती है इसके बारे में हम चर्चा करेंगे।
Sharir Me Kamjori Ke Lakshan
कमज़ोरी कितने प्रकार की होती है:
कमज़ोरी दो प्रकार की होती है- न्यूरोमस्कुलर कमजोरी , नॉन-न्यूरोमस्कुलर कमजोरी।
न्यूरोमस्कुलर कमजोरी:
न्यूरोमस्कुलर कमजोरी आपके शरीर की मांसपेशियों की ताक़त कम हो जाती है जिससे आप सही प्रकार से कार्य नहीं कर पाते हैं और आपको परेशानियां झेलनी पड़ती है यह न्यूरोमस्कुलर कमजोरी कहलाती है।
नॉन-न्यूरोमस्कुलर कमजोरी:
नॉन-न्यूरोमस्कुलर कमजोरी में आपको जब भी आप कोई कार्य करते हैं उस समय आपको अधिक थकावट महसूस होती है, और आपकी मांसपेशियां बिलकुल ठीक होती हैं, लेकिन आप कोई कार्य करने में सक्षम नहीं हो पाते हैं, इसलिए इसको नॉन-न्यूरोमस्कुलर कमजोरी कहा जाता है।
शरीर में कमज़ोरी के लक्षण:
चिंता और डिप्रेशन:
चिंता और डिप्रेशन को कमज़ोरी का सबसे महत्वपूर्ण लक्षण माना जाता है। यदि आप बहुत ज़्यादा चिंता में रहते हैं तो आप अपने स्ट्रेस को बोहोत ज़्यादा बढ़ा लेते हैं जिस कारण आप डिप्रेशन में चले जाते हैं यह कारण जल्दी से लोग नहीं पहचान पाते है, जिस कारण आपके शरीर में कमज़ोरी महसूस होती है और आपका मन किसी और कार्य में नहीं लग पाता।
विटामिन की कमी:
जब भी आपके शरीर में विटामिन की कमी होती है तो आपको अधिक थकावट महसूस होती है जिस कारण आपके शरीर में कमज़ोरी आ जाती है हमारे शरीर को विटामिन कि बहुत अधिक आवश्यकता होती है, जिससे हमारा शरीर अच्छी तरह से काम कर पाए यदि हमारे शरीर में विटामिन की कमी होगी तो हमारे शरीर को कमज़ोरी महसूस होगीइसलिए हमें विटामिन अधिक मात्रा में लेना चाहिए, जिससे हमारा शरीर अच्छे से कार्य कर पाए और हमें कमज़ोरी महसूस न हो।
सुस्ती और बढ़ती उम्र:
यदि हमारी उम्र बढ़ती है तो शरीर में सुस्ती छाने लगती है जिस कारण हमें कमज़ोरी अधिक महसूस होती है, सुस्ती आने से शरीर की मांसपेशियां कमज़ोर होने लगती है जिससे हमारा शरीर सही प्रकार से कार्य नहीं कर पाता है। और बढ़ती उम्र के साथ साथ मांसपेशियों में अच्छे से तालमेल नहीं बैठा पाता है, जिस कारण अधिक कमज़ोरी महसूस होती है। यदि आप अपना ख़ान पान बढ़ती उम्र के साथ सही प्रकार से रखते हैं, तो आपके शरीर में ऊर्जा का संचार होगा और आप अपने शरीर को सही प्रकार से कार्य में ला पायेंगे।
बीमारियों का अधिक बढ़ना:
यदि आप लंबे समय से कोई भी ऐसी बीमारी से ग्रस्त है जैसे कि टीबी और हैपेटाइटिस जैसी बीमारियां यह आपके शरीर को अधिक कमज़ोर बनाती है। यह बीमारियाँ लंबे समय तक चलती है और आपकी मांसपेशियों को कमज़ोर बनाती है जिस कारण आप अत्यधिक कमज़ोर महसूस करती है। और कोई भी कार्य करने में आलस आता है।
चक्कर आना है:
कमज़ोरी के कारण हमें सबसे अधिक चक्कर आते है, यह लक्षण कमज़ोरी में सबसे अधिक पाया जाता है। जब भी हम कमज़ोर महसूस करते हैं या किसी भी प्रकार कि थकावट महसूस करते हैं तो हमारा शरीर उस चीज़ को झेल नहीं पाता है जिस कारण हमें चक्कर का आभास होता है। यदि हम पूरा दिन भूखे हैं और हमारे शरीर को खाना नहीं मिल पाया तो हमारा शरीर सही प्रकार से कार्य नहीं करेगा और हमें थकावट और चक्कर जैसी चीज़ों का सामना करना पड़ेगा।