Shanivar Vrat Vidhi in Hindi: हिंदू धर्म में हम सभी को पता है व्रत का क्या महत्व होता है सभी लोग व्रत रखते है और विधि के अनुसार पूजा पाठ करते है। आज हम बात करेगे शनिवार व्रत के बारे में कि यह क्यों और किस के लिये रखा जाता है, तथा इसको रखने से क्या फल प्राप्त होता है। शनिवार का व्रत शनिदेव के लिए रखा जाता है, शनिवार का व्रत बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है, शनिदेव को न्याय का देवता कहा जाता है, जो व्यक्ति शनिवार के व्रत रखता है उस पर शनिदेव की साढ़ेसाती और ढैय्या का असर नहीं होता और उनकी कृपा आप पर बनी रहती है।
Shanivar Vrat Vidhi: शनिवार व्रत शुरू करने का शुभ समय:
अधिकतर समय हम यह सोचते है व्रत कब करना शुरू करे और उसके लिए क्या शुभ मुहूर्त होगा। तो आज हम बतायेगे की शनिवार व्रत करने का शुभ मुहूर्त कब होता है, वैसे तो हम कभी भी शनिवार की व्रत करना आरंभ कर सकते है। परंतु यदि आप श्रावण मास में पड़ने वाले शनिवार से व्रत रखना शुरू कर सकते है। इसका लाभ आपके घर और धन धान्य पर भी पड़ता है।
शनिवार व्रत सामग्री:
शनिवार व्रत में महत्वपूर्ण सामग्री होती है, काला कपड़ा, काला तिल, सरसों का तेल, धूप, दीप आदि। यही सभी सामग्री व्रत करने से पूर्व होनी चाहिए। शनिवार के व्रत आपको अपनी श्रद्धा के अनुसार ग्यारह या आप इक्कीस दिन का भी रख सकते है।
शनिवार व्रत विधि:
- शनिवार व्रत वाले दिन आपको सबसे पहले सुबह उठ कर स्नान कर साफ़ वस्त्र धारण करने है।
- उसके बाद आपको शनिदेव की मूर्ति या शनि यंत्र रखना है उसको पंचामृत से स्नान करना है, और व्रत का संकल्प लेना है।
- उसके बाद सरसों के तेल का दिया जलाना है, धूप दीप आदि रखना है।
- उसके बाद भोग में मीठी पूड़ी और काली उड़द दाल की खिचड़ी का भोग लगाना है। उसके बाद पाठ का जाप करना है।
- पूजा ख़त्म होने के बाद पीपल के पेड़ में जल दे और सरसों के तेल का दिया वहाँ पर रखे। और आपको पीपल के पेड की सात बात परिक्रमा भी करनी होगी।
- पूजा ख़त्म होने के बाद किसी भी ग़रीब को भोजन कराये और यदि आप किसी काले कुत्ते को भी खाना देते है यह बहुत शुभ माना जाता है।
- शाम को काली उड़द और कीचड़ी का सेवन कर व्रत को पूर्ण करे।