Navratri Facts in Hindi: Ashwin Navratri का आरंभ, Navrtari के दिन शुद्ध रूप से Devi Durga के नौ रूपों को समर्पित है। सनातन मान्यताओं में Durga को शक्ति का दर्जा दिया जाता है और उन्हें पार्वती, शक्ति, उमा, गौरी, कात्यायनी और कई अन्य नामों से भी जाना जाता है। नवरात्रि में देवी के रूपों की असंख्य तरीकों से स्तुति और पूजा की जाती है। Navratri से जुड़ी एक पौराणिक कथा है भी जिसके बारे में हम इस पोस्ट के माध्यम से बता रहे है।
Mahishasura नाम का एक राक्षस था जिसका सिर एक भैंसे का था। उस राक्षस ने कठोर तपस्या कर स्वयं भगवान शिव से कई वरदान प्राप्त किये थे। जब उसका अभिमान और घमंड बढ़ गया तो उसने देवताओं और मनुष्यों को परेशान करना शुरू कर दिया। जब वह किसी के वश में नहीं हो सकता था, तो मां दुर्गा सभी देवी-देवताओं की शक्तियों से प्रकट हुईं और उसका वध किया। इसी कारण दुर्गा को महिषासुर मर्दिनी भी कहा जाता है
Navratri बुराई पर अच्छाई की जीत की बात भी कहती है। कहा जाता है कि Ashwin Navratri के अंतिम दिन यानि दशहरा पर जो कुछ भी शुरू किया जाता है वह सफलता की ओर बढ़ता है। लोग इस त्यौहार को बड़ी भक्ति, धार्मिक उत्साह और कलात्मक भागीदारी के साथ मनाते हैं। भारत समेत दुनियाभर में Navratri उत्सव के अलग-अलग रंग हैं।
इन दोनों Navratri के दौरान, दिन की लंबाई लगभग रात की लंबाई के बराबर होती है। दोनों Navratri के दौरान जो मौसम होता है वह आनंद लेने और Navratri Festival में शामिल होने के लिए भी अनुकूल होता है।
ऐसा कहा जाता है कि राक्षस के राजा Ravan से युद्ध करने के लिए Lanka जाने से पहले Shri Ram ने पहली बार Ashwin Navratri संपन्न किये थे। ऐसा इसलिए क्योंकि वह मां Durga का आशीर्वाद तो पाना चाहते थे, लेकिन पूजा करने और फिर युद्ध में जाने के लिए अगले छह महीने तक इंतजार नहीं करना चाहते थे। इस घटना के बाद से ही Ashwin Navratri का त्यौहार मनाया जाने लगा।