आज इस भौतिक युग में सभी अर्थ के पीछे भाग रहे हैं। जल्दी सफलता प्राप्त करने के लिए ज्यादा से ज्यादा काम और ज्यादा कमाई सभी का यही लक्ष्य है। इसलिए इस व्यस्त जीवन में किसी के पास किसी के लिए समय नहीं है। ना परिवार के लिए और ना मित्रों और सगे संम्बधियों के लिए। आज हालात यह हैं कि सब कुछ होने के बाद भी सभी अकेलेपन के शिकार हैं। यह मानसिक स्वास्थय के लिए धातक है। क्योंकि अकेलापन कई मानसिक रोगों को जन्म दे रहा है। डिप्रैशन,चिड़चिड़ापन,नींद ना आना,हमेशा तनावग्रस्त रहना,स्वंय को बहुत अकेला अनुभव करना डरावना एहसास है।
इससे जीवन नीरस और उबाऊ लगने लगता है।इससे आत्माहत्या,नशे और गलत आदतों की लत बढ़ रही है। शारीरिक स्वास्थ के साथ साथ मानसिक स्वास्थ भी अत्यंत आवश्यक है। इसके लिए जीवन उपयोगी सूत्र हैं जिन्हें अपने जीवन में अवश्य स्थान दें। अन्यथा जब आप सफल होंगे तो आपके जीवन में उसकी खुशी बाँटने वाला कोई नहीं होगा।
- सफलता आवश्यक है, लेकिन इसके साथ साथ अपने परिवार,रिश्तेदार,समाज के साथ भी अपना कुछ समय अवश्य बिताऐं। अपनी व्यस्त जीवनशैली में इनके लिए हफ्ते महीने में एक दिन अवश्य दें। उस दिन सभी के साथ अपना गोल्डन टाइम प्रसन्नता से व्यतीत करें।क्योंकि आपके आत्मीय ही आपके सुख दुख के साथी हैं।
- आपने बहुत सफलता प्राप्त कर ली है। उसे अपने अच्छे रिश्तेदारों और वफादार मित्रों के साथ भी साझा अवश्य करें। आवश्यक्ता पड़ने पर समय पर उनकी सहायता जैसा आप उचित समझें अवश्य करें। बिना अहसान जताए उदार भाव से की गई सहायता उनके मन में आपके प्रति सम्मान की वृद्धी करती है।
- महीने में एक बार दूर बैठे संबधियों आत्मियों से फोन,वीडियो कॉल पर अवश्य बात करें। उनके जन्मदिन पर उपहार और शुभ संदेश अवश्य भेजें।
- आपने परिवार पर पत्नी,पति, बच्चों पर विषेश ध्यान दें। भले ही आप कितने व्यस्त हों उनके लिए दिन में एक बार समय अवश्य निकालें। उन्हें खाने के समय,फोन पर,या रात को सोते समय अपने प्रेम स्नेह और अपनी परवाह से अवगत कराते रहें। एक आलिंगन,प्रेम जताना,उनकी बात ध्यान से सुनना व अपनी क्षमता अनुसार दिलासा देना या समाधान ढूँढना, यह भले ही सामान्य लगता हो पर उनके लिए बहुत मूल्यवान है। इससे आपस में प्रेम सामंजस्य बढ़ता है।
- बच्चे, पत्नी पति अगर आपसे बात कर रहे हैं तो, फोन अलग उठाकर रख दें। बेवजह फोन देखना,फोन से चिपके रहना भी आपके संबधों में दरार डालता है। इससे दूसरे को लगता है कि आप उनकी उपेक्षा कर रहे हैं। आप याद कीजिए कितनी बार इस आदत की वजह से दूसरे आपसे नाराज़ होकर चले गए हैं।
- आप चाहे कितनी भी सफलता प्राप्त कर ले पर जमीन से जुड़े रहें। यह हमेशा ध्यान रक्खें कि, आपकी सफलता आपके लिए है। दूसरों के सामने इसका दिखावा ना करें। दूसरों को कभी नीचा ना दिखाऐं। इससे आप अनावश्यक रूप से जाने अनजाने प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष शत्रुओं को जन्म देते हैं। जो आपके संबधोंऔर जीवन के लिए घातक है।
- अपने स्वास्थ का ध्यान रक्खें। जिम,योगा,पार्क में टहलना,अच्छा पौष्टिक भोजन और हँसना मुस्कुराना जरूरी है। आपकी मुस्कुराहट जीवन को आसान कर देती है।
- अपने धर्म से जुड़े रहें। अपने धर्मस्थल जाएँ,वहाँ कुछ देर अवश्य बैठें। अपने गुरूजनों,से आर्शीवाद लेना,दान पुण्य करना,प्रार्थना पूजा करना,घर में शुभ आयोजन अवश्य करवाएँ। किसी संस्था या समाज कल्याण से अवश्य जुड़े। यह हमारे जीवन को खुशियाँ, आर्शीवाद,और शुभता से भर देता है। जहॉं धन काम नहीं आता वहाँ यही काम आते हैं।
जीवन में अच्छे बुरे अनुभव सफलता के मार्ग में अवश्य होते हैं। उन्हें पीछे छोड़ दीजिए। क्योंकि वह समय बीत गया। उदार बनिए,यह ना सोचें कि किसी ने आपको क्या दिया है। यह अवश्य सोचें कि आप किसी को क्या दे सकते हैं। वह भी बिना मतलब निस्वार्थ भाव से। क्योंकि वही लौट कर आपके पास आता है।