Importance of Cow in Hindu Religion In Hindi: Sanatam Dharam में Gaay अत्यंत पवित्र और शुभ मानी जाती है। जब अमृत मंथन हुआ था तो कामधेनू गाय बाहर आयी थी। गाय का महत्व इतना है कि सनातन धर्म में हर कहीं गाय का महत्व है और इसका पूजन होता है। नित्य प्रति भोजन में सर्वप्रथम इसकी रोटी अवश्य निकाली जाती है। पितृपक्ष हो या अन्य तीज त्यौहार सर्वप्रथम देवता के साथ गाय को भोग अवश्य लगाते हैं। इसका गोबर,मूत्र,दूध सभी औषधिय गुणों से भरपूर होते हैं। गाय साँस लेते और छोड़ते वक्त ऑक्सीजन ही निकालती है।
इसलिए जहाँ गाय है वहाँ रोग नहीं होते। इस पर हुई वैज्ञानिक रिसर्च में इसके दिव्य गुणों के विषय में जब वैज्ञानिकों को पता चला तो वे स्वंय आश्चार्य चिकित हो गए। इसके गोबर से लिपे हुए घर में रहने से रेडिऐशन का दुष्प्रभाव नहीं पड़ता। इसके गोबर से बने उपले पर जब मोबाइल फोन रक्खा गया तो उसके रेडीऐशन की तरंगे समाप्त हो गई थीं। इसके उपले में पका भोजन गैस नहीं बनाता और भोजन की पौष्टिकता बढ़ा देता है।
उपले की राख एक उच्चकोटी की खाद है और गाँव में आज भी इससे बर्तन माँजे जाते हैं। इसके गोबर की महिमा झ्तनी है कि इसमें लक्ष्मी जी का वास माना जाता है। इसके मूत्र के प्रयोग से कैंसर जैसे महारोग में भी सफालता पाई जा सकी है। पेट के रोग,मधुमेह,मोटापा,श्वास के रोग तो सहज ही दूर किये जा सकते हैं। गौ मूत्र पूजा में घर में छिड़क कर पवित्र किया जाता रहा है।इसके दूध की तुलना माता के दूध से की गयी है।
गाय स्वंय में अपने भीतर इतनी उर्जा और शक्ति रखती है कि इसका स्पर्श इसके पास बैठने मात्र से ही व्यक्ति के रोग,तनाव दूर होने लगते हैं।
गाय का सनातन धर्म में क्या महत्व है? Gaay ki Importance in Hindu Religion
गाय का Dhaarmik महत्व अत्यधिक है। सनातन धर्म में यह मान्यता है कि गाय में सभी देवताओं का वास है। गौमाता के प्रत्येक अंग में देवताओं का वास है। यह ग्यारह रुद्रों की माता कही जाती है। क्योंकि हमारे शरीर के दस प्राण और जीवात्मा की तृप्ति गौ दुग्ध से होती है। ये आठ वसुओं की दुहिता हैं। गौ को बारह आदित्य की बहन भी माना गया है गौ को 11 रूद्र,8 वसु, 12,आदित्य,मेघ रुपी इन्द्र,यज्ञ प्रजापति जैसे 33 कोटी देवताओं के बराबर माना गया है। इसलिए गौ विश्व की माता भी है।
गौ माता के कौन कौन से अंग में किस देवी देवता का वास है?
पुराणों के अनुसार गाय के मुख में चारों वेदों का निवास होता है। मस्तक पर ब्रह्मा,गाय के सींग में भगवान शिव का वास माना जाता है,इसके अग्रभाग में इंन्द्र का और कानों में अश्विनी कुमार का वास माना जाता है। दाहिनीआँख में सूर्य,बायीं में चंन्द्र का वास होता है।इनके दाँतों में गरूड़ व जीभ में देवी सरस्वती का वास होता है। इनके पेट में भगवान कार्तिकेय का वास माना जाता है। गाय के अपान में तीर्थ,मूत्र में गंगा जी का वास होता है। इनके रोमों में समस्त ऋषियों का वास होता है।
इनके दक्षिण पैर में वरूणदेव तथा कुबेरजी का उत्तर के दोनों पैरों में महाबली यक्ष का वास होता है। गाय के खुरों के पिछ्ले भाग में अप्सरा और मुख में गंधर्वो का वास होता है। नासिका के अग्रभाग में सर्प का वास है। गौ के गोबर में लक्ष्मी जी का वास होता है। गाय के स्तनों में समुद्र का वास होता है। गौदुग्ध में स्वर्ण तत्व पाया जाता है। जो रोगों को दूर करता है। इसकी पूँछ में हनूमान जी का वास होता है।
स्कंदपुराण,भविष्यपुराण,महाभारत, ब्रंहमांण्ड पुराण में इसका वर्णन मिलता है।
जो गाय की सेवा करता है उस पर आने वाली सभी प्रकार की विपदा गौमाता हर लेती हैं। ऐसी मान्यता है कि जिस जगह गौ विचरती है वहाँ साँप और बिच्छू नहीं आते हैं।
गौमाता का महत्व क्या है? Importance of Cow in Hindu Religion
Gaay के पैरों की मिट्टी का तिलक लगाने से सभी तीर्थों का फल मिलता है। जिस स्थान पर गाय का समुह बैठता है वहाँ से पाप और नाकारात्मक शक्तियॉं नष्ट हो जाती हैं। तीर्थों में दान,व्रत,यज्ञ,ब्राहमणों को भोजन कराने से जो फल मिलता है वह मात्र गौमाता की सेवा करने से ही मिल जाता है। जिसका भाग्य कमजोर हो तो वह अपने हाथ से गुड़ खिलाता है तो उसका भाग्य प्रबल होता है। गाय को कभी मारना पीटना नहीं चाहिए। ऐसा करने वाला अपनी माता को पीटने जैसा पाप का फल भोगता है। गाय के रंभाने मात्र से आध्यत्मिक दिव्यता का प्रसार होता है।
देसी पीली गाय के गर्दन के पास एक शिवलिंग की तरह उभार होता है। उसमें सूर्यकेतु नाड़ी का वास होता है जो सूर्य की शक्ति और उर्जा को आर्कषित करती है। जिससे उसका दूध शक्ति प्रदाता स्वर्ण का निर्माण हो जाता है जो विपुल धन राशी से खरीदा नहीं जा सकता वह सिर्फ इसी गाय में होता है। इस दूध से शरीर और दिमाग स्वस्थ बनता है।
गाय इसीलिए सनातन धर्म में पूज्यनीय है। इसीलिए संन्तजन इसका पालन पोषण और सेवा पर बल देते हैं।
भारत में गौपालन आर्थिक दृष्टी से भी महत्वपूर्ण रहा है। गाय पर्यावरण की भी रक्षा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। गौ का महत्व विज्ञान हो या आध्यात्म सभी एक मत से स्वीकारते हैं।