Facts on Hindu Religion in Hindi: आरती हिंदू धर्म में पूजा का एक अनुष्ठान है। आरती पूजा का एक Part है, जिसमें Light यानी के दीपक या दिये से निकलने वाली रोशनी जो एक या एक से अधिक देवताओं को चढ़ाया जाता है। आरती भी देवता की स्तुति में गाए जाने वाले गीतों का उल्लेख करती है। आरती शब्द संस्कृत शब्द अरात्रिका से लिया गया है, जिसका मतलब होता है कुछ ऐसा जो अंधकार को दूर करता है। यह आमतौर पर देवता के सम्मान के प्रतीक के रूप में पूजा के आखिर में की जाती है।
आरती के दौरान उपयोग किए जाने वाले दीपकों में अक्सर घी और कपूर भरा जाता है। कुछ देवताओं के लिए सरसों के तेल का भी Use किया जाता है। Cotton की बत्ती को Priority दी जाती है, क्योंकि वे लंबे समय तक जलती हैं और कम धुआं पैदा करती हैं।
आरती को हमेशा किसी देवता की छवि, मूर्ति या फिर मंदिर के सामने किया जाता है। आरती का Purpose देवता की भक्ति, प्रेम और स्तुति करना है। आरती की रस्म दिन में तीन बार की जाती है, सुबह, दोपहर और शाम को। ऐसा माना जाता है कि आरती करने से व्यक्ति अपने आप को शुद्ध कर सकता है और मोक्ष को प्राप्त कर सकता है।
आरती अज्ञान को नष्ट करती है आरती:
संस्कृत शब्द “आरत्रिका” से उतपन्न “आरती” शब्द का अर्थ है “ऐसा कुछ जो अज्ञान को ruin कर देता है।” इस प्रकार आरती को अज्ञान के परदे को हटा कर ज्ञान प्राप्त करने के तरीके के रूप में देखा जाता है। आरती का Practical और Spiritual दोनों महत्व हैं। व्यावहारिक तौर पर, यह माना जाता है कि जप और घंटियों के बजने से होने वाला Vibration Soul और Thoughts को केंद्रित करने में मदद करता है, जिससे ईश्वर का ध्यान करना आसान हो जाता है। Spiritual तौर पर, आरती को ईश्वर के प्रति हमारे प्रेम और भक्ति को प्रदर्शित करने के एक तरीके के रूप में देखा जाता है। यह पूजा का एक कार्य है जो हमें भगवान से जुड़ने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने में Help करता है।
आरती के यह हैं लाभ:
आरती के Benifits बहुत हैं। सबसे पहले, यह हमें परमात्मा को याद करने में मदद करती है। आरती हमें याद दिलाती है कि हम इस दुनिया में अकेले नहीं हैं। हम परमात्मा से जुड़े हैं। दूसरा, यह हमें Present Moment पर अपना ध्यान केंद्रित करने में मदद करती है। जब हम आरती करते हैं, तो हमें तन और मन से Present होना चाहिए। हमें अन्य चीजों के बारे में नहीं सोचना चाहिए।