चंद्रयान कार्यक्रम के तहत तीसरा अन्वेषण मिशन है। इसमें विक्रम नाम का एक लेंडर और चंद्रयान 2 के समान प्रज्ञान नाम का एक रोवर शमिल है। इसका प्रोपल्शन संचार रिले उपग्रह की तरह व्यवहार करता है। सूत्रों की माने तो चन्द्र मिशन लगातार प्रगति कर रहा है 20 जुलाई 2023 को अपनी चौथी कक्षा बढ़ाने की प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी कर ली है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने पुष्टि की है कि अंतरिक्ष यान अब पृथ्वी के चारों ओर है।
चन्द्रमान 3 पृथ्वी की परिक्रमा कर रहा है। चन्द्रमान 3 भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने शुक्रवार को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से चन्द्रयान-उ लॉन्च किया चन्द्रयान का लक्ष्य उसकी ऊंचाई की तरह बड़ा है लक्ष्य चंद्रमा की खोज में एक अलग उपलब्धि हासिल करना है जो कि अब तक अमेरिका, चीन, सोवियत संघ जैसे देश ही कर पाए हैं।
चन्द्रयान 3 से पहले की गई कोशिश
चन्द्रयान 3 इसरो द्वारा सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया जो की अभी पृथ्वी की परिक्रमा तेजी से लगा रहा है चंद्रयान 3 से पहले भी कि गई थी कोशिश चन्द्रयान-2 और चन्द्रमान 1
चंद्रयान 1 को 22 अक्टूबर 2008 को श्रीहरिकोटा से सफलता पूर्वक लॉन्च किया गया था चंद्रमा की रासायनिक खनिज विज्ञान और फोटो-भूगर्भिक मानचित्र के लिए अंतरिक्ष यान चन्द्रमा की सतह से 100 किमी की ऊंचाई पर चंद्रमा के चारों ओर परिक्रमा कर रहा था।
चंद्रयान 2 को इसरो ने चन्द्रमा पर सॉफिट लैंडिंग के लिए डिजाइन किया था, लेकिन विक्रम लैंडर नै चन्द्र सतह से 500 मीटर पहले ही नियंत्रण खो दिया और दुर्घनाक्षरत हो गया लेकिन उस लेन्डर का पता लगाने का प्रयास अभी भी ज़ारी है।