गेंहूँ के एक कटोरी दाने लेकर बारह घंण्टे के लिए भिगो दें और फिर उसका पानी छान लें। फिर इन दानों को सूती कपड़े में बाँध कर दो दिन के लिए एक डिब्बे में बन्द करके रख दें। उसमें बीच बीच में पानी का छिड़काव करते रहें। इसके बाद गोबर खाद मिली मिट्टी में इन अंकुरित बीजों को मिट्टी के नीचे बो दें। इसमें जो घास उगेगी वही गेंहूँ के ज्वारे हैं। इसका सुबह खाली पेट आधा कप रस निकाल कर पीया जाता है।
अगर आपके पास बोने का समय नहीं है तो इसका पाउडर बाजार में मिलता है उसका उपयोग किया जा सकता है। इस पाउडर को आधा एक गिलास गुनगुने पानी में एक चम्मच डाल कर मिलाऐं व इसका सेवन सुबह खाली पेट करें।
गेंहूँ के ज्वारे लेने के क्या क्या लाभ हैं?
- यह पाचन संबधी समस्याओं में लाभ पहुँचाता है। खाना पूरी तरह पचने लगता है। पेट की अतड़ियों को साफ करता है। गैस,कब्ज,अपच,दूर करके अतड़ियाँ मजबूत होती है।
- यह वजन घटाने में भी सहायक है। यह पाचन शक्ति बढ़ा कर वजन घटाने में सहायक है। जो डाइट पर हैं वे इसका सेवन कर सकते हैं। यह एनर्जी बढ़ाता है। इससे थकान और कमजोरी नहीं होती।
- यह आयरन और खून की कमी दूर करता है। लाल रक्त कणों को बढ़ाता है। रोग प्रतिरोधक शक्ति का विकास होता है। हमारे शरीर की सप्त धातुओं का अच्छी तरह से विकास होता है। शरीर स्वस्थ रहता है।
- यह शरीर के विष और गन्दगी को बाहर करता है। खून,लीवर,आँतें को साफ करता है। मरे हुए सैल को बाहर निकालता है।
- इसके पाउडर को बालों पर लेप बनाकर लगाने से बाल स्वस्थ होते हैं। उनमें चमक आती है। बालों का पकना,झड़ना,सफेद होना,रूसी ,बाल पतले कमजोर होना ठीक हो जाता है।
- यह हर प्रकार के कैंसर का नाश करता है। कैंसर चाहे शरीर के किसी भी अंग में हो उसमें यह लाभ करता है।यह सूक्ष्म से सूक्ष्म कैंसर सैल को समाप्त कर देता है। तथा शरीर इसे सहजता से स्वीकार कर पचा लेता है।
- यह शरीर में कोई भी ट्यूमर हो या गाँठ हो उसे यह समाप्त करता है।
- यह थेलेसिमिया जिसमें रोगी को बार बार खून चढ़ाना पड़ता है वे अगर इसका सेवन करते हैं तो उनके रक्त चढ़ाने का समय बढ़ने लगता है।
- यह हृदय स्वस्थ रखता है। खून का दौरा समान्य करता है। क्लेस्ट्रॉल को समाप्त कर रक्त ध्वनियों को स्वस्थ व लचीला रखता है।
यह सिर से लेकर पैर तक के सारे रोग दूर करता है। बालों के रोग, स्मरण शक्ती में वृद्धी,आँखों कानों,दाँतों ,मसूड़ों के सभी रोग दूर कर उन्हें स्वस्थ रखता है। गले और फेफड़ों के घाव स्वस्थ होते हैं। पैनक्रिया को स्वस्थ करता है व मधुमेह रोग ठीक होने लगता है। लीवर के रोग समाप्त होने लगते हैं। किडनी के रोग समाप्त होते हैं। मूत्राशय के रोग समाप्त होते हैं। गर्भाशय के समस्त रोग ,मासिक की समस्या,श्वेत प्रदर समाप्त करता है। गर्भवती स्त्री इसका सेवन करती है तो बच्चा स्वस्थ होता है। यह गठिया में भी लाभदायक है।