उबले चावल का बचा पानी अनेकों उपयोग में आता है। इसकी तासीर ठंण्डी होती है। इसका उपयोग किस तरह किया जाता है जानिए। चावल के दो प्रकार होते हैं। लाल और सफेद। सफेद चावल मधुर,चिकना,कम मात्रा में खाने से पेट के मल को बाँधने वाला,गले के रोग को समाप्त कर मधुर बनाने वाला,वीर्यवर्धक,शरीर को पुष्ट करने वाला,वात और कफ बढ़ाने वाला,शीतल,पित को शान्त करने वाला,मूत्र लाने वाला है।
लाल चावल सब अनाजों में श्रेष्ठ है। यह त्रिदोषों को नाश करने वाला,भूख बढ़ाने वाला,पुष्टीकारक,वीर्य वर्धक ,मूत्र लाने वाला,त्वचा की कांती बढ़ाने वाला,जहरीले पदार्थ नष्ट करने वाला,गाँठों को समाप्त करने वाला,जलन समाप्त करने वाला है।
अपनी प्रकृति को समझ कर चावल का प्रयोग करना चाहिए। अगर नुकसान करे तो नहीं खाना चाहिए। चावल सारे भारत में खाया जाता है। चावल का मांड बनाने के लिए एक कप चावल तीन गुणा पानी में आधा घंण्टा भिगोकर खुले बर्तन में पकाएँ। चावल पूरी तरह पक जाएँ तो इसके पानी को छान लें। यह पानी चावल की मांड है। इसका उपयोग ही विभिन्न प्रकार से किया जाता है। यह गुनगुना मांड आधा कप नमक मिला कर रोज पीने से टॉनिक का काम करता है।यह बल वर्धक,कांति वर्धक है।
चावल के मांड की त्वचा पर रोज मालिश करने से त्वचा में कसाव आता है और चमक बढ़ने लगती है। क्योंकि इसमें एन्टीऑक्सीडेंन्ट हैं। यह सनस्क्रीन का भी काम करता है। इससे मुँह धोना चाहिए। बालों में बीस मिनट लगा कर धो लें बाल लम्बे चमकदार होते हैं।पतले बाल मजबूत होते हैं। इस मांड को पिया भी जाता है।
जो चावल प्रयोग कर रहे हैं उसी से मांड बनाकर प्रयोग किया जा सकता है।
चावल एक साल पुराना प्रयोग करना चाहिए। अगर चावल नया है तो इसे थोड़ा भून कर मांड बना सकते हैं। पाचन के लिए चावल के मांड में सेंधा नमक,चुटकी भर सोंठ का पाउडर का हींग का छौंक लगा कर इसका प्रयोग करना चाहिए। लम्बी बीमारी में कमजोर हुए रोगी को मांड देने से उसमें ताकत आती है और भूख बढ़ने लगती है। भोजन से पहले इसके प्रयोग से भूख बढ़ती है।
जिनको वजन कम करना है वे यह मांड ले सकते हैं। यह पेट की चर्बी कम करता है। बुखार में बार बार प्यास लगना,गला सूखने पर चावल का मांड ले सकते हैं। बीमारी के बाद रिकवरी करने में,भूख बढ़ाने में बच्चों बड़ों को यह मांड सहायक है। जिन्हें भूख कम लगती है उन्हें भूख बढ़ाने में यह मांड सहायक है। खाने पचता नहीं है या खाना पेट में सड़ता रहता है उन्हें चावल का मांड लाभ करता है।
फैटी लीवर,ओबी सिटी है वे मांड का प्रयोग कर सकते हैं। चावल के मांड में विटामिन बी,ई,सी होता है।इसको पीने से फूर्ती आता है। जापान,कोरिया,चाइना में महिलाऐं चावल के पानी का नियमित प्रयोग कर झुरियाँ, कालापन ,डैड सैल,नहीं होने देती। उनकी ग्लास स्किन होने का यही राज है।वे साबुन,फेस पैक,लोशन में चावल के पानी का प्रयोग करती हैं।
इसके लिए वे एक जार में चावल को तीन गुणा पानी डाल कर दो दिन तक धूप में रख दिया जाता है। इस पानी को छान कर काँच की बोतल में भरकर फ्रिज में रख दें और प्रयोग में लाना चाहिए।यह सबसे ज्यादा असरदार है। इस पानी को चेहरे पर कॉटनसे लगाएँ या स्प्रे करें फिर आधे घण्टे बाद इस चावल के पानी को चेहरे पर स्प्रै करें आधे घण्टे बाद इसे धो ले। आधे धण्टे से ज्यादा इसे चेहरे पर नहीं लगाना है। इसका नियमित प्रयोग करें।