Budhwar Vrat Vidhi in Hindi 2024: बुधवार के व्रत जो भी व्यक्ति रखता है वह भगवान गणेश के लिये करता है और अपनी मनोकामना पूर्ण करने की विनती करता है, और साथ में बुधवार को बुध देव की भी पूजा अर्चना की जाती है जिस से हमारे बुध ग्रह मज़बूत होते है। जब भी हम व्रत करना शुरू करते है तो हम व्रत को पूरा विधि विधान के साथ पूर्ण करते है और सभी विधि को मानते है जिस से हमारे व्रत को पूर्ण करने के लिए अति आवश्यक है विधि से भगवान की पूजा अर्चना करना। तो चलिए जानते है जो लोग बुधवार के व्रत रखते है उनको किस प्रकार से व्रत रखना चाहिए और किस प्रकार विधि का पालन करना चाहिए।
बुधवार के व्रत रखने का शुभ समय:
आप बुधवार के व्रत अपनी श्रद्धा के अनुसार रख सकते है यदि आप यह व्रत रखते है तो आपको यह व्रत किसी भी महीने के शुक्ल पक्ष के बुधवार से आप व्रत रखना शुरू कर सकते है और इसका अधिक शुभ प्रभाव पड़ता है। यदि आप बुधवार के व्रत रखते है तो आपको 21 या 45 बुधवार व्रत का संकल्प लेना होता है वह आपकी श्रद्धा है कि आप 21 व्रत का संकल्प लेते है या फिर 45 व्रत का संकल्प यह पूरी तरह से आप पर निर्भर करता है।
बुधवार के व्रत में क्या खाना चाहिए:
जब भी हम व्रत रखते है तो हमारे मन में यही आता है कि व्रत में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं क्योकि यदि हम बिना जाने व्रत में कुछ ग्रहण करते है तो हमारा व्रत पूर्ण नहीं होता इसलिए हमे व्रत में बहुत सोच समझ कर खाना ग्रहण करना चाहिए इसलिए आज हम आपको बयायेगे की आप को बुधवार के व्रत में क्या खाना चाहिए।
- बुधवार के व्रत में आपको एक समय ही खाना खाना होता है वो भी तब जब आप शाम को पूजा कर व्रत पूर्ण करते है तब।
- दही और मूँग डाल का हलवा आप व्रत में ग्रहण कर सकते है।
- हरे रंग की सब्ज़ी और हरे रंग से बनी चीज़ आप खा सकते है।
आपको व्रत में कुछ ऐसी चीज़ है जो ग्रहण नहीं करनी होती है जैसे की-
- आप को बुधवार के व्रत में नमक नहीं खाना होता है ना ही ऐसी वस्तु जिस में नमक हो ऐसा कुछ भी आप इस व्रत में नहीं खा सकते।
- आप कभी गलती से भी पान का सेवन बुधवार के व्रत में ना करे क्योकि पान भगवान गणेश पर चढ़ाया जाता है इसलिए पान का सेवन नहीं करना चाहिए।
बुधवार व्रत पूजा विधि:
- सबसे पहले उठ कर सूर्यउदय से पहले नहा धो कर नए वस्त्र धारण कर ले। उसके बाद एक चौकी तैयार करे उसको फूलो और गंगाजल से धो कर लाल कपड़ा बिछा कर चौकी को तैयार करे।
- श्री गणेश की प्रतिमा स्थापित करे और भगवान गणेश और बुध का ध्यान करे, और भगवान गणेश पर पिले फूल चढ़ाये और हरे रंग के वस्त्र बुध देव को अर्पित करे।
- उसके बाद ध्यान केंद्रीत कर धूप दीप भगवान गणेश और बुध को अर्पण कर मंत्रों का जाप करे और दोनों का ध्यान लगाये।
- श्री गणेश का पाठ करे और भगवान गणेश को हलवे का भोग लगाये और गणेश जी और बुध जी की आरती करे।
- भोग के प्रसाद को सभी परिवार के सदस्यों में बाट दे और ख़ुद भी शाम के समय भगवान की आरती कर अपना व्रत खोले।