Benefits of Suhaaga in Hindi: एक प्राचीन कहावत है,”सोने पे सुहागा”, यह Suhaaga क्या है और इसके चमत्कारिक Benefits क्या क्या हैं इसकी जानकारी प्रत्येक जन को अवश्य होनी चाहिए। आज भागदौड़ भरी जिन्दगी और अज्ञानता के कारण कोई भी छोटी मोटी बिमारी या शरीर की परेशानी हो तुरन्त डाक्टर के पास भागने को मजबूर कर देती है। जबकी हमारी दादी नानी घर में ही उपलब्ध सामग्री से ही छोटी मोटी परेशानी को यूँ ही दूर कर लिया करती थीं। जो आज भी पारंम्परिक रूप से प्रचलित हैं।
उसमें एक मुख्य औषधी है “सुहागा” इसे बोरेक्स, टंकन या बालसुधा भी कहा जाता है। यह पंसारी के यहाँ आसानी से उपलब्ध हो जाता है। यह ऑनलाइन भी उपलब्ध है। यह कच्चे रूप में सफेद डली के रूप में होता है। इसकी भस्म तैयार करके ही इसका सेवन करना चाहिए। इसे तैयार करने के लिए इसको भून लेना चाहिए। इसमें नमी के कारण यह गर्म होने पर फूलता है और ठंडा होने पर शुष्क हो जाता है। इसे बारीक पीस कर और कपड़े से छान कर शीशी में भरकर रख लेना चाहिए।
अब इस पाउडर का प्रयोग कैसे करें? व यह किन किन रोगों में लाभकारी है? Suhaaga ko Kaise Use Kare
Suhaaga की प्रकृति गर्म,क्षारिय और तीक्ष्ण है। इसलिए इसके साथ ठंण्डी चीजें प्रयोग ना करें। दही, फ्रिज की ठण्डी चीजें,खट्टी ,बासी भोजन प्रयोग नहीं करना चाहिए। इसे गर्भवती महिला सेवन ना करें। छोटे शिशु जो कभी कभी दूध बाहर उलट देते हैं,हरे पीले दस्त करते हों या फटा दूध निकालते हों तो उन्हें दूध पिलाने के बाद एक चुटकी सुहागा ऐसे ही या थोड़े से शहद के साथ चटा दें। इससे बच्चे का पेट ठीक होगा और दूध हजम होने लगेगा। अगर बच्चे के दाँत निकल रहे हैं तो एक चुटकी सुहागा मसूड़ों पर मलने से दाँत आसानी से निकल आते हैं।
गैस ,अपच,भारी पन आँतों की गन्दगी में खाना खाने के बाद गर्म पानी के साथ चौथाई चम्मच डाल कर पीने से सारी गन्दगी बाहर आती है और पेट के रोग दूर होते हैं। यह दिन में दो बार प्रयोग किया जा सकता है। मुँह में छाले होने पर इसको मलने पर छालों में आराम मिलता है। मूत्राशय के रोग,महावारी की समस्या में भी यह प्रयोग किया जाता है। बालों में खुश्की होने पर एक चम्मच सुहागा,नीबू का रस सरसों के तेल में मिलाकर बालों पर लगाने से खुश्की दूर होती है। इसे रात को लगाकर सुबह धोना चाहिए। यह ह्रदय रोगो में भी लाभकारी है।
यह वात और Cough को दूर करता है। तथा जोड़ों के दर्द,सूजन में भी लाभकारी है। गला बैठ जाए तो इसको एक चुटकी मुँह में डालकर चूसने से गला ठीक हो जाता है। कफ अगर छाती में जमा हो तो इसको दिन में तीन बार आधा कप गर्म पानी में चौथाई चम्मच की मात्रा में घोल कर पीना चाहिए। इससे कफ आसानी से बाहर निकल जाता है। यह साँस की नली की सूजन और खाँसी में भी लाभ दायक है। नाक बहना,जुखाम में भी लाभदायक है। दाद खाज खुजली में सुहागा लाभ करता है। इसको एक चम्मच पानी में डालकर पसीने की बदबू दूर होती है। इसको Daanto पर लगाने से दाँत मजबूत होते हैं और मसूड़ों के रोग दूर होते हैं। इसमें सौम्य एंटी सैप्टिक होता है इसलिए इसका बाहरी प्रयोग अधिक होता है। इसका त्वचा रोग,घाव को ठीक करने के लिए भी प्रयोग किया जाता है। सुहागा का सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए।