Benefits of Reading Hanuman Chalisa in Hindi: आज Kalyug में पूर्ण रूप से लाभ देने के लिए हनुमान जी का पूजन है और पूर्ण फलदायी हनुमान चालीसा है। हनुमान चालीसा श्री तुलसीदास जी ने लिक्खी थी। वे Shri Ram जी के भक्त थे। और उनकी जीवन भर भक्ती की। कहते हैं कि उनको श्रीराम लक्षमण जी ने प्रत्यक्ष दर्शन दिए थे। जहाँ श्रीराम हैं वहाँ हनुमान जी हैं। और हनुमान जी के साथ श्री राम अवश्य होते हैं। किसी भी मंदिर में इन दोनों के एक साथ दर्शन अवश्य ही होते हैं। हनुमान जी को रूद्र अवतार माना जाता है।
उनमें अतुलनीय बल,बुद्धी, और अनंन्त शक्तियाँ हैं। उनको अष्ट सिद्धि भी प्राप्त हैं। हनुमान जी को श्री राम जी को अमर होने का वरदान दिया था। इसलिए कहते हैं हनुमान जी आज भी जीवित हैं। हनुमान जी की साधना अगर कोई ना पढ़ सके तो नियमित हनुमान चालीसा का पाठ करने से भी लाभ प्राप्त होता है। वह लाभ क्या हैं और पाठ करने का क्या नियम है जानते हैं।
Hanuman Chalisa सिद्ध है और इसकी प्रत्येक पंक्ति मंत्र के समान है। यह चालीसा नहाते धोते खाते पीते पाठ नहीं करना चाहिए। अपने सामने जल रक्ख कर आसन पर बैठ कर एक,तीन,या एक सौ आठ बार पाठ प्रेम से बोल कर करना चाहिए। पाठ नियमित एक ही निश्चित Samayपर करना चाहिए। पाठ करने के बाद सामने रक्खे जल को पी लेना चाहिए। यह जल सिद्ध हो चुका है इसमें पाठ की उर्जा और शक्ति समाहित है। इसको पीने से रोग,शोक,दरीद्रता का नाश होता है। और सौभाग्य,बुद्धि बल प्राप्त होता है।
अगर Yatra कर रहे हैं तो यात्रा में भी Hanuman Chalisa का पाठ कर सकते हैं। अगर बीमार हैं बैठ नहीं सकते तो लेटे लेटे भी पाठ पढ़ सकते हैं। हनुमान चालीसा से पहले श्री राम जी को प्रणाम और ध्यान करना जरूरी है। फिर उसके बाद हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए। जो बच्चे नियमित हनुमान चालीसा पढ़ते हैं वे बहुत तीक्ष्ण बुद्धी के होते हैं। वे जीवन में सफलता और के मुकाबले जल्दी प्राप्त करने में सक्षम हो जाते हैं। उनके साथ हनुमान जी की शक्ति सदैव साथ रहती है जिसके कारण वे कभी गलत आदतों,गलत संगती में नहीं पड़ते।
अगर Bacha पढ़ता नहीं है,मार पीट गलत आदतों में है,Bimar रहता है, रात को सोते हुए डर जाता है,डरपोक है तो नियमित उसे हनुमान चालीसा पढ़ने की आदत डालने से उसमें आश्चार्य जनक शुभ परिवर्तन होने लगते हैं। अगर बच्चा नहीं कर सकता तो माता पिता उसके नाम से पाठ करें। अगर माता पिता अपने बच्चे को कलयुगी जहरीले वातावरण में अपने बच्चे को सुयोग्य बनाना चाहते हैं तो वे शुरू से ही हनुमान चालीसा पढ़ने की Aadat डालें।
वे स्वंय देखेंगे कि उनका बच्चा मेधावी,सुयोग्य और Ache आचरण वाला बनेगा ही बनेगा। अगर घर में भूत प्रेत बाधा है तो नियमित पाठ करने से वह बाधा समाप्त होने लगती है। घर की उर्जा साकारात्मक होने लगती है। जो व्यक्ति नियमित हनुमान चालीसा का पाठ करता है उसके सर्वकार्य सिद्ध होते हैं। आने वाली बाधाओं से लड़ने की और उनमें सफलता प्राप्त करने की शक्ति मिलती है। गंभीर समस्याओं का हल प्राप्त होता है। बुरी संगती या बुरे लोग भी दूर हो जाते हैं।
Mahilaaye भी इसका पाठ नियमित कर सकती हैं। इससे उनके सौभाग्य में वृद्धि होती है। मासिक की अवस्था में मासिक समाप्त होने के बाद सिर धो कर पाठ कर सकती हैं। हनुमान चालीसा पढ़ने से शनी देव का साढ़े साती का प्रकोप नहीं होता है। क्योंकि रावण की कैद से हनूमान ने Shanidev को छुड़ाया था। तब उन्होंने हृनुमान जी से कहा था कि जो कोई भी आपकी भक्ति करेगा मैं उसको कष्ट नहीं दुंगा।
बार बार बुरे स्वप्न आते हैं तो रात को सोते समय हनुमान चालीसा का Paath करने से वे स्वप्न आने बन्द हो जाते हैं। अगर कोई सदमा, डिप्रैशन,तनाव, मानसिक रोग हो तो नियमित इसका पाठ करने से इन समस्याओं से मुक्ति मिल जाती है। हनुमान जी सदैव रक्षा करने वाले देव हैं। इसलिए यात्रा पर जाने से पहले हनुमान चालीसा Padhkar जाना चाहिए। इसके नियमित पाठ से आध्यात्मिक लाभ प्राप्त होते हैं। चेतना शक्ति बढ़ती है और हनुमान जी की शक्ति का अनुभव होने लगता है। मन में साकारात्मक विचार,उत्साह,शान्ति व Sabhavna का उदय होता है। चिन्ता,मानसिक तनाव दूर हो जाते हैं। परिवार में प्रेम सामन्जस्य बढ़ने लगता है। हनुमान चालीसा को श्रद्धा विश्वास और प्रेम से भक्ति पूर्वक पढ़ना चाहिए। तभी इसके पूर्ण लाभ प्राप्त होते हैं। यह पाठ सहज सरल है और आश्चार्य जनक लाभों को और Shakti Pradaan करता है। जो बड़े बड़े विधी विधान नहीं कर सकते वे मात्र हनुमान चालीसा का पाठ करके सब कुछ प्राप्त कर सकते हैं।