Benefits of Flax Seeds in Hindi: Flax seeds का प्रयोग हजारों सालों से होता रहा है। अलसी के लाभ जैसे ही सबको पता चल रहे हैं वैसे ही इसके प्रयोग भी बढ़ रहे हैं। अलसी के गुणों की जानकारी प्राप्त करके इसका भरपूर लाभ उठाया जा सकता है।
इसको दो चम्मच तक खाया जा सकता है। इससे ज्यादा इसका सेवन नहीं करना चाहिए। अलसी में Fiber भरपूर मात्रा में होता है। इसलिए यह कब्ज को दूर करता है। यह पुराना से पुराना कब्ज दूर करता है।
अलसी कैलेस्ट्रॉल को कम करता है। क्योंकि इसमें ओमेगा 3 फैटी एसिड होते हैं। जो गुड कैेलैस्टॉल को बढ़ाते हैं और बैड कैलैस्ट्रॉल को घटाने में सहायक है। यह महिलाओं के ब्रैस्ट कैंसर और गर्भाशय के कैंसर को कम करता है। इसमें फाइबर होने के कारण यह मोटापे में फायदेमन्द है। क्योंकि इसको खाने के बाद भूख कम लगती है। यह पेट की चर्बी गलाता है।
अलसी मधूमेह में लाभकारी है। यह इन्सूलिन की सेन्सविटि बढ़ाती है और मधूमेह के रोगी इसका सेवन कर सकते हैं। अलसी जल्दी मीनोपोज रोकता है। एलर्जी,कफ,फेफड़ों की सूजन में फायदा होता है। यह कफ मल के साथ बाहर कर देती है। फैटी लीवर,कैलोस्टॉल में अलसी लाभ दायक है। अलसी का तेल जले जख्मों पर लगाने से लाभ करता है व निशान भी नहीं रहने देता।
यह तेल बंद नसों को खोल देता है। Flax seeds कैंसर सैल रोकता है। गैस खट्टी डकार दूर करती ,है। अंतडियों की सूजन दूर करती है। बाल झड़ने या बालों के समस्त रोगों में अलसी का तेल लगाना चाहिए। यह शरीर की गाँठों को समाप्त करता। जिनके अंण्डकोश में पानी जमा हो जाता है उसमें भी यह लाभ करता है। पिंपल,सनबर्न में चेहरे पर रात को इसके तेल की मालिश करके सुबह मुँह धोने से लाभ मिलता है। जो सदैव स्वस्थ रहना चाहते हैं। अपने शरीर को भीतर से डिटॉक्स करना व त्रिदोष समाप्त करना चाहते हैं वे अलसी के बीजों का सेवन करे।
अलसी के सेवन का सही तरीका क्या है? Flax Seeds ko Kaise Khaye
Flax Seeds के बीज कुछ लोग बाजार से लाकर सीधा खाने लगते हैं। यह गलत तरीका है। क्योंकि अलसी की उपर परत शरीर हजम नहीं कर सकता। और इन बीजों का सही लाभ प्राप्त नहीं हो पाता है। अलसी के बीज भूनकर पीस कर फिर एक या दो चम्मच पाउडर सुबह खाली पेट आधा गिलास गर्म पानी में प्रयोग करना चाहिए।
अलसी के बीज गहरे रंग की काँच की बोतल में रखना चाहिए। क्योंकि इसके बीज बहुत ही संवेदनशील होते हैं। अधिक गर्म या सीलन भरी जगह पर रखने से खराब हो जाते हैं। इन्हें एयरटाइट डब्बे में फ्रिज में स्टोर करना चाहिए। अलसी के पिसे बीजों को दही,खीर,ओटस नाश्ते में मिलाकर प्रयोग करना चाहिए। या सलाद के उपर छिड़क कर प्रयोग किया जा सकता है।
अलसी खाने के बाद पानी ज्यादा पीना चाहिए। क्योंकि इसमें फाइबर होता है यह कब्ज कर सकता है। गर्भवती महिलाऐं इसका सेवन ना करें क्योंकि इसकी तासीर गर्म होती है। निधार्रित मात्रा से अधिक नहीं खाना चाहिए। लो ब्लप्रैशर,लो शूगर पेशन्ट इसका सेवन ना करें। दूध पिलाने वाली मताऐं इसका सेवन ना करें। पित प्रकृति वाले इसका सेवन ना करें इससे दस्त लग सकते हैं।