मेथी दाना हमारी रसोई में ही पाया जाने वाली एक औषधी है। यह छौंक लगाने में,चटनी ,अचार में प्रयोग होती है। आयूर्वेद के साथ साथ डाक्टर भी इसके उपयोग पर विशेष बल देते हैं। दवा के साथ साथ इसका उपयोग भी फायदेमंन्द हैं। यह दाने पीले,सख्त,छोटे-छोटे गोल होते हैं। इनका स्वाद कड़वा कसैला होता है।
विशेषतः डाक्टर मघुमेह रोग में रात को भिगोकर सुबह खाने पर दवा के साथ साथ ,खास जोर देते हैं।
इसके अन्दर के फाइबर और विटामिन,मिनरल इसमें मधुमेह को नियन्त्रित करने में सहायक हैं। इसमें बहुत से औषधीय गुण हैं। इसकी तासीर गर्म होती है। इसलिए इसकी पाउडर के रूप में चौथाई चम्मच या आधा चम्मच ही लेना चाहिए। इसके लिए इसके बीजों को भूनकर पीस कर रख लेना चाहिए। क्योंकि यह हजम देर से हाेता है इसलिए भूनना जरूरी है।
बाल झड़ने में,मेथी 50ग्रा०,आँवला 50ग्रा०,भृंगराज 50 ग्रा० ,शीकाकाई 50 ग्रा० तीनों को लेकर पीस लें। इस पाउडर को आवश्यक्ता अनुसार लेकर रात में भिगो दें। सुबह इस पेस्ट को सिर पर आधा घंण्टा लगा कर धो लें। इससे बाल झड़ना,डैंड्रफ,सफेद होना, दूर होती है व सिर की त्वचा स्वस्थ रहती है। इसे हफ्ते में तीन दिन लगा सकते हैं।
जिन माताओं का दूध कम आता है और शिशु भूखा व कमजोर रहता हो वे 50ग्रा०मेथी, 50ग्रा० जीरा बराबर मात्रा में लेकर इसे पीस लें व इसमें 100 ग्रा० गुड़ का पाउडर या देसी खाण्ड मिलाकर रख लें। एक चम्मच सुबह व शाम भोजन के आधे घण्टे बाद गाय के गर्म दूध के साथ सेवन करने से माता का दूध बढ़ने लगता है और शिशु का पोषण अच्छी तरह होने लगता है।
कान दर्द,मवाद आने पर मेथी दाना सरसों के तेल में पका कर ठंण्डा कर छान लें। व कान में दो तीन बूंद रोग ठीक होने तक डालने से मवाद आना बन्द हो जाता है। बैड क्लैस्ट्राँल में जिसमें घबराहट होती हो उसमें सोंठ व मेथी 50ग्रा० मिलाकर पीसकर आधा चम्मच एक कप पानी में मिलाकर आधा रहने तक उबाले व सेंधा नमक मिलाकर भोजन से आधा घण्टा पहले लेने से बैड कैलोस्ट्राँल घटकर गुड कैलोस्ट्राँल बढ़ने लगता है। नसें नाडियाँ खोलने के लिए व ह्रदय रोग,खून का दौरा ठीक करने के लिए इसी काढ़े में एक चम्मच लहसुन का रस और एक चम्मच शहद मिलाकर खाना खाने से आधा घंण्टा पहले लेना चाहिए।
सर्दी,खाँसी,जुखाम,एलर्जी में मेथी,दालचीनी,काली मिर्च 20ग्रा० लेकर एक कप पानी आधा रहने तक उबालें व इसमें एक चम्मच शहद मिला कर पीने से आराम मिलता है। गठिए,जोड़ों के दर्द सूजन में हल्दी,मेथी पाउडर,सोंठ 50 ग्रा० लेकर एक गिलास पानी में उबालें व पानी आधा रहने पर इसके दो भाग करें। एक भाग रूई इसमें भिगोकर दर्द,सूजन वाले भाग पर बाँध दें। इससे दर्द सूजन में लाभ मिलता है। व दूसरे काढ़े के भाग में शहद मिलाकर पी लें इससे समस्या में आराम मिलता है। कैंसर में चौथाई चम्मच बीज रात को एक गिलास पानी में भिगो कर सुबह दाने चबाकर खाने से व बचा पानी पीने से कैंसर सैल समाप्त होने लगते हैं। यह गुर्दे की सफाई भी करता है।
यह प्रसूती महिलाओं को लडडू के रूप में सेवन कराया जाता है। इसके साथ असन्तुलित हारमोन,कब्ज,जी मितलाना,उल्टी ,फोड़े फुंसी,फैटी लीवर,आमाशय में अल्सर,दिमाग की नसें खोलन व उसके नर्वस सिस्टम ठीक करने ,में भी इसको विभिन्न प्रकार से सेवन किया जाता है।
मेथी के नुकसान-
गर्म तासीर वाले,पित दोष वाले इसका सेवन ना करें। गर्भवती महिलाऐं इसका सेवन ना करें। मेथी पाउडर की तासीर गर्म होती है। और रात को भिगोई मेथी की तासीर ठण्डी होती है। इसलिए गर्म तासीर वाले इसे भिगोकर प्रयोग करें। मेथी का अत्याधिक प्रयोग हानीकारक है। इसलिए सीमित मात्रा में उपयोग करें।