Benefits of Eating Cloves in Hindi: लौंग बरसों से मसाले के रूप में प्रयोग की जाती रही है। इसका उपयोग पूजा में और औषधी के रूप में भी किया जाता है। यह दर्द निवारक गुणों से युक्त है। यह एंटी फंगल, एंटी बैक्टीरियल, एंटी वायरल,एंटी सैप्टिक व अन्य गुणों से युक्त होती है।
लौंग कितनी मात्रा में खानी चाहिए? Laung Kitna Khana Chahiye?
लौंग एक से दो ग्राम की मात्रा एक बार में ली जा सकती है। इतनी मात्रा सुबह शाम खाई जा सकती है। इसका तेल भी निकलता है जिसे एक या दो बूँद प्रयोग कर सकते हैं। लौंग को चबा कर, काढ़ा बनाकर ,पाउडर के रूप में प्रयोग करना चाहिए।
लौंग के कारगर उपयोग :- Laung ke Upyog
Daant में कीड़ा लगने पर इसका पाउडर या तेल उसमें भर देने से दाँत में आराम मिलता है। दाँत में सड़न और बदबू हो तो लौंग के पाउडर का सुबह शाम मंजन करने से मवाद और सूजन दूर होती है। या लौंग चबाने से भी लाभ मिलता है। इसके काढ़े के कुल्ले करने से लाभ मिलता है। इसका मंजन और टूथपेस्ट में भी प्रयोग होता है।
कमजोर पाचन शक्ति होने से अपच,गैस,खट्टी डकार,पेट दर्द मे दो चुटकी लौंग पाऊडर व दो चुटकी सैंधा नमक मिलाकर भोजन के बाद ले लेने से आराम मिलता है व पाचन शक्ति बढ़ती है।
जिनका जी मितलाना,उल्टी,होने पर इसको मुँह में रखकर चूसने से आराम मिलता है। जोड़ों के दर्द में इसका दो चुटकी चूर्ण चूसना चाहिए। इसके साथ ही दस बूँद लौंग का तेल व एक चम्मच सामान्य तेल मिलाकर दर्द वाली जगह पर मालिश करनी चाहिए। गले,नाक,छाती में जमा कफ सूजन,अस्थमा, एलर्जी में एक चम्मच सरसों के तेल में इसकी दस बूंदें मिलाकर गले,नाक,माथा,छाती,पसली,पीठ पर मालिश करनी चाहिए। इसके काढ़े की भाप भी सुबह शाम ले सकते हैं।इसके साथ ही एक चम्मच शहद में दो चुटकी चूर्ण मिलाकर चाटना चाहिए।
कान दर्द में दो चुटकी चूर्ण एक चम्मच सरसों के तेल में मिलाकर पका कर उसे कपड़े से छान लेना चाहिए। ठंण्डा होने पर इसके कुछ बूँदे कान में डालने से कान का दर्द,सूजन,इन्फैक्शन दूर होता है। पिंपल,कील मुँहासे में लौंग का पाउडर दो चुटकी को एलोवैरा में डालकर लेप बनाकर उन पर लगा कर आधा घंण्टे बाद धो लेना चाहिएसे ये सभी ठीक होते हैं व दाग धब्बे निशान भी नहीं रहते। यह हफ्ते में तीन बार करना चाहिए।
खाँसी चाहे वह किसी भी प्रकार की हो उसमें दो चुटकी पाउडर में एक चम्मच शहद और मुलहठी पाउडर मिलाकर खाने के आधा घंण्टा बाद दिन में तीन बार चाटने से खाँसी में आराम मिलता है। इसको लेने के आधे घण्टे बाद तक कुछ ना खाए पिए। आँखों की रौशनी बढ़ाने के लिए लौंग का पाउडर एक चम्मच आँवले पाउडर के साथ खाली पेट लेना चाहिए।
पेट में Infection ,Food Poisoning में Laung का काढ़ा बना कर उसमें सैंधा नमक मिलाकर पीने से इससे होने वाले उल्टी,दस्त में आराम मिलता है और रोग भी ठीक होता है। इससे पानी की कमी नहीं होतीं है। किसी भी बुखार में या बार बार बुखार आने पर इस औषधी को बनाकर रख लें, नेपाली चिरायता 100 ग्राम, गिलोए 100 ग्राम, लौंग 20 ग्राम लेकर इन्हें एकसाथ बारीक पीस कर रख लें।
सुबह शाम एक कप पानी में एक चम्मच पाउडर डालकर आधा रहने तक पकाऐं उसमें ठंण्डा होने पर एक चम्मच शहद या खांड मिलाकर खाने से आधा घंण्टा पहले पीने से सभी प्रकार के बुखार दूर होते हैं। यह दिन में तीन बार लेना चाहिए। यह सामग्री पंसारी या ऑनलाइन मिल जाती हैं।
फोड़े फुँसी,एगजीम,खुजली,दाद,खाज या त्वचा का कोई भी रोग होने पर इस दवा का प्रयोग करना चाहिए:-
हल्दी साबुत 50 ग्राम,सूखी नीम पत्ते 50 ग्राम,50 ग्राम लौंग लेकर तीनों को एक साथ मिलाकर पीस कर रख लें। इसको शुद्ध देसी घी में मिलाकर लगाने से सभी त्वचा रोग दूर होते हैं।
लौंग आवाज साफ करने,मधूमेह, हाई ब्लडप्रैशर,ताजगी, रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने,हाथ पैरों का पसीना रोकने में,खून पतला करना,साइनस, काम शक्ति बढ़ाने,शीघ्र पतन रोकने, कमजोरी दूर करने,सिरदर्द,हाथ पैर काँपने में लाभ करता है।
लौंग के प्रयोग में सावधानी:- Laung Khane se Pehle ki Savdhani
इसकी तासीर गर्म होती है। इसलिए इसका जरूरत से ज्यादा प्रयोग ना करें। गर्भवती महिलाऐ ,दूध पिलाने वाली महिला इसका प्रयोग ना करें। पित प्रकृति वाले इसका प्रयोग ना करें। जिनका पतला खून है,शुगर लो रहता है उनको इसका प्रयोग नहीं करना चाहिए। जिनको नकसीर है या बवासीर है या गर्म प्रकृति है उन्हें इसका प्रयोग नहीं करना चाहिए।