About Guru Dutt’s Unknown Story in Hindi: मनोरंजन की दुनिया में फिल्मों को साइन करने के दौरान कई बार कलाकारों का ईगो सामने आ जाता है। इस कारण वे ऐसी फिल्मों को ठुकरा देते हैं, जो बाद में Blockbuster साबित होती हैं। ऐसा ही कुछ एक बार Dilip Kumar के साथ हुआ था। उन्होंने Guru Dutt की एक फिल्म को फीस की वजह से रिजेक्ट कर दिया था इसके बाद Guru Dutt और उनके बीच Cold War हो गई थी। Guru Dutt ने बाद में खुद इस फिल्म में काम किया और वह अपने दौर की Classic Film साबित हुई। आइए, बताते है।
Guru Dutt 23 फरवरी 1957 को फिल्म ‘Pyaasa’ लेकर आए थे। फिल्म को Abrar Alvi ने लिखा था और फिल्म में Waheeda Rehman, Mala Sinha, Johnny Walker अहम भूमिका में थे। इस फिल्म में Guru Dutt ने शुरुआत में अपने पर कुछ रील्स शूट की थीं लेकिन जब उन्होंने स्क्रीन पर देखा तो उन्हें लगा कि वे ‘कवि विजय’ के किरदार के साथ न्याय नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में इस Tragic Role के लिए वे Tragedy King Dilip Kumar के पास गए।
Dilip Kumar ने जब फिल्म की कहानी सुनी तो उन्हें पसंद आई और उन्होंने फिल्म के लिए हामी भर दी। दिलीप साहब ने अपनी फीस डेढ़ लाख रुपये बताई। इस पर गुरुदत्त ने कहा कि ‘चूंकि मैं फिल्म की कुछ रील्स पर रुपये खर्च कर चुका हूं तो प्लीज आप कुछ फीस कम कर दीजिए। ’ Dilip Sahab ने कहा, ‘एक काम करिए आप फिल्म बनाकर दे दीजिए, उसे डिस्ट्रीब्यूट मैं कर लूंगा, इससे आपका खर्चा बच जाएगा।’
यह बात Guru Dutt को पसंद नहीं आई और उन्होंने कहा, ‘मैं आपके पास फिल्म बेचने नहीं आया हूं। मैं चाहता हूं कि आप सिर्फ एक्टर के तौर पर फिल्म करें।’ बस, यह बात Dilip Sahab को अच्छी नहीं लगी लेकिन उस वक्त उन्होंने कुछ नहीं कहा।
तय दिन के मुताबिक जब फिल्म का मुहूर्त शूट होने वाला था तो सभी सुबह से Dilip Sahab के इंतजार में बैठे थे। लेकिन काफी देर बाद भी जब वे नहीं आए तो Guru Dutt ने प्रोडक्शन कंट्रोलर Guru Swami को Dilip Kumar के घर भेजा।
वहां जाकर पता चला कि वे शूटिंग लोकेशन के पास ही B R Chopra के कार्यालय में ‘Nyadaur’ की स्क्रिप्ट पढ़ रहे हैं। ऐसे में वहां गुरुदत्त के असिस्टेंट उन्हें बुला ने गए। तब Dilip Sahab ने कहा, ‘मै 10 मिनट में आता हूं.’
Guru Dutt ने अपनी यूनिट को कहा, ‘हम 10 मिनट इंतजार कर लेते हैं। ’ लेकिन उन्हें क्या पता था कि Dilip Sahab आएंगे ही नहीं। गुरुदत्त को यह बात बुरी लगी और उन्होंने खुद ही फिल्म में काम करने का मन बनाया। उसी जगह पर गुरुदत्त ने मुहूर्त शॉट दिया।
फिल्म ‘Paysa’ अपने दौर की Classical Hit साबित हुई। वहीं, अपने एक इंटरव्यू में दिलीप साहब ने कहा था कि ‘Paysa’ का किरदार उनके ‘देवदास’ के किरदार से मिलता-जुलता था इसलिए उन्होंने वह फिल्म नहीं की थी।